सुनी सुनाई बातें कभी गलत भी हो सकती हैं। अगर हम उसे सुन कर विश्वास कर लें तो इससे हमारी हानि भी हो सकती है। संबंध बनने में जीवन बीत जाता है पर उसे खराब करने में कुछ ही पल लगते हैं। बेहतर यह है की आप सुनी हुई बातों पर तब ही विश्वास करे जब वह सही साबित हो जाएं अन्यथा बेवजह की गलतफहमी की शिकायत से सिर्फ मन खराब होता है।
दुनिया में बहुत सारे लोग है जो बातों को अपने नजरिए से देखते हैं समझते है। उसके तथ्य सामने आने के पहले बदल भी जाते है। अगर आपके मन में किसी के प्रति कोई शिकायत भी है तो बेहतर है आप उसे सुझाने की और समझने की कोशिश करें।