श्रीराम हिदुओं और सिखों के ही नहीं, मुस्लिमों के भी हैं। यह सच्चाई राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान के दौरान देखने को मिल रही है। मंदिर के लिए निधि समर्पित करने वालों में सभी वर्ग एवं समुदाय के लोग शामिल हैं। 15 जनवरी से शुरू अभियान में अकेले अयोध्या में कई मुस्लिम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पित कर चुके हैं। इनमें अयोध्या निवासी प्रख्यात समाजसेवी डा. नेहाल रजा हैं, उन्होंने 11 हजार का चेक प्रदान किया, तो रामनगरी के बावन मंदिर में महंत वैदेहीवल्लभशरण के अलावा अब्दुल सलाम व अब्दुल कलाम की ओर से 21 हजार की राशि समर्पित की गई।
फैजाबाद शहर के ही करिअप्पा मंडल निवासी डा. ताहिर शाह की पत्नी चांदनी बानो ने 11 हजार की राशि अर्पित की। लखनऊ निवासी मो. वसी हैदर ने नाका स्थित एक गेस्ट हाउस में निधि समर्पण शिविर में शिरकत कर 12 हजार की राशि समर्पित की। इससे रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव एवं विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय अभिभूत हैं। उनकी मानें तो मुस्लिमों का यह रुख इस देश में एकता-एकात्मता की जड़ों को अभिसिचित करने वाला है।
अयोध्या नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरदार महेंद्र सिंह ने पांच हजार एक सौ की राशि समर्पित की। ऐतिहासिक गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिह ने निधि समर्पित की। ज्ञानी गुरुजीत ने कहा, राममंदिर से सिखों और इस गुरुद्वारे का आत्मीय संबंध रहा है और हमारे लिए मंदिर निर्माण का क्षण अत्यंत गौरवमय है। श्रीराम से सिखों की आत्मीयता शहर के व्यवसायी सरदार सतनाम सिह एवं मोहित सिह जैसों से भी परिभाषित हो रही है। सतनाम सिह ने 51 हजार, तो मोहित स्वयं 51 हजार के साथ अपने प्रतिष्ठान की ओर से 75 हजार की राशि मंदिर निर्माण के लिए अर्पित कर चुके हैं। निधि समर्पण अभियान के जिला प्रभारी अधिवक्ता धीरेश्वर वर्मा कहते हैं कि श्रीराम किसी समूह-संप्रदाय से ऊपर पूरी भारतीयता के प्रतिनिधि हैं।