रायपुर। प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस व्रत के एक नहीं बल्कि कई सकारात्मक असर हमें जीवन में देखने को मिलते हैं। प्रदोष व्रत करने से शारीरिक मानसिक सुख शांति मिलने के साथ साथ धन की भी पूर्ति होती है।
इस बार का प्रदोष विशेष महत्व लेकर आ रहा है। आषाढ़ माह के लगते ही पढ़ने वाला रविवार को पहला प्रदोष आइए जानते हैं आपके जीवन में क्या प्रभाव डाल सकता है। प्रदोष व्रत माह के प्रत्येक त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। आषाढ़ का महीना 15 जून से शुरू हो गया है। इस महीने का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जायेगा जो कि 26 जून दिन रविवार को पड़ेगा। यह जून माह का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत भी होगा।
आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत चूंकि रविवार को पड़ेगा। इस लिए यह रवि प्रदोष व्रत होगा। रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है वही प्रदोष व्रत भगवान शिव को।
ऐसे में रवि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य की भी कृपा प्राप्त होगी। पंडित राहुल चौबे के अनुसार इनकी कृपा से सेहत अच्छी होती है और जीवन में खुशहाली आती है। शिव जी के आशीर्वाद मात्र से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और वंश, धन, संपत्ति आदि में वृद्धि होती है।
प्रदोष व्रत 2022 राहुकाल
प्रदोष व्रत के दिन राहुकाल शाम को 05 बजकर 38 मिनट से शाम 07 बजकर 23 मिनट तक है। इस दौरान प्रदोष व्रत की पूजा करना अशुभ माना जाता है।