कसंकेर। कांकेर शहर तथा जिले में पूरे जून महीने तक बारिश की प्रतीक्षा लोगों को थी किंतु गर्मी से परेशान लोगों को राहत नहीं मिल रही थी फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह से बारिश ने रह रह कर कहर ढाना शुरू कर दिया है। कुछ कुछ समय के लिए बारिश बंद भी हो जाती है और धूप निकल आती है किंतु 10 मिनट में ही आसाम की तरह अचानक मौसम बदल जाता है और धुआंधार बारिश होने लगती है, जिसके कारण सूखी पड़ी दूध नदी में भी कुछ पानी आ गया है और शहर की नालियों में जो गंदा पानी है, वह रिवर्स होकर लोगों के घरों में घुस रहा है। कलेक्ट्रेट प्रांगण, नया बस स्टैंड, जनपद पंचायत कार्यालय, सेन चौक स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यशाला आदि सभी जगह पानी भरा हुआ है जिसे निकालना एक सर दर्द है और कर्मचारियों का आना-जाना मुश्किल हो चुका है। कुछ स्थानों में सड़कों के ऊपर भी पानी बह रहा है। विगत रात्रि सेंट माइकल हाई स्कूल के सामने स्थित वृक्ष नेशनल हाईवे पर गिर गया जिसके कारण कई घंटे यातायात ठप रहा। दूध नदी के पुल से लगे होटल के पास बनी हुई पीचिंग तथा दीवाल भी बारिश में गिर चुकी है, जिसकी ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है। आगे और वर्षा होने पर किनारे के मोहल्लों का डूबना तय है, जिसमें अधिकतर नुकसान गरीबों के कच्चे मकानों का हो जाएगा। शासन की ओर से मुआवजे का प्रावधान रहता है किंतु यह मुआवजा कब मिलेगा, कितने बरसों बाद मिलेगा , इसका कोई उत्तर शासन के पास नहीं है। अभी बाढ़ नहीं आई है, तब तो कांकेर का यह हाल हो गया है,। बाढ़ आने के पश्चात स्थिति को कैसे संभाला जाएगा, यह बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न है।