रायपुर। एक समय था जब राजा महाराजा और धनाढ्य लोग चांदी के बर्तनों का उपयोग करते थे। लेकिन अब उसकी जगह क्रॉकरी ने ले ली है पर क्या आप जानते है की चांदी के गिलास में पानी पीना और खाना खाना धार्मिक और स्वस्थ की दृष्टि से कितना फायदेमंद है।
ज्योतिष में चांदी को पवित्र धातु का दर्जा दिया गया है। ये चंद्रमा और शुक्र का कारक है। चंद्रमा मजबूत होने से मानसिक तनाव कम होता है और व्यक्ति को शांति मिलती है। वहीं शुक्र की मजबूती धन, वैभव और संपन्नता लेकर आती है। ज्योतिषीय उपायों के अनुसार यदि व्यक्ति रोजाना चांदी के गिलास में पानी पिए तो काफी लाभ होता है। अगर पानी के साथ नियमित रूप से एक तुलसी का पत्ता भी निगल लिया जाए तो ज्यादा तेजी से लाभ होता है।
शरीर को बनाए स्वस्थ
- रोज सुबह खाली पेट चांदी के बर्तन में पानी पिया जाए तो मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है। पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर का फैट कम होता है।
- चांदी का बर्तन बैक्टीरिया फ्री माना जाता है। चांदी के बर्तन में पानी पीने और खाना खाने से इन्फेक्शन से बचाव होता है।
- जब आप किसी बर्तन में खाना-पीना करते हो तो उसकी धातु का अंश भी हमारे अंदर जाता है। चांदी के तत्व हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करते हैं।
- चांदी के गिलास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है। साथ ही ये पित्त दोष को दूर करने में बेहद असरदार होता है।
- चांदी के बर्तन में रोजाना पानी पीने से दिमाग शांत रहता है, जिससे तनाव का स्तर घटता है और याददाश्त बेहतर होती है। इससे आंखों की समस्याओं से में भी राहत मिलती है।
- चांदी का पात्र नॉन टॉक्सिक होता है। पहले के समय में पानी साफ करने के लिए वॉटर फिल्टर नहीं होते थे, तब लोग पानी को साफ और शुद्द करने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग करते थे।
- चांदी के बर्तन में पानी पीना से लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
- रोज सुबह खाली पेट चांदी के बर्तन में पानी पिया जाए तो मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रहता है। पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर का फैट कम होता है।