रायपुर। होलाष्टक का आशय है होली के पूर्व के आठ दिन हैं, जिसे होलाष्टक कहते हैं। इन दिनों कोई भी अच्छे और नए काम की शुरुआत नही होती।
कहा जाता है कि होलिका द्वारा प्रह्लाद को जलाए जाने के पहले आठ दिन प्रह्लाद को मारने के लिए हिरण्यकश्यप ने उसे तमाम शारीरिक प्रताड़नाएं दीं, इसलिए इन आठ दिनों को हिंदू धर्म के अनुसार सर्वाधिक अशुभ माना जाता है।
पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं आदि से घिरा रहता है।