EKhabri, (प्रीति शुक्ला)। मन से चंचल संसार में कुछ भी नहीं है। बहुत ही अधीर एवं अस्थिर होता है मन। चाहे तो भी हम अपने मन को काबु में नहीं कर सकते। हर संभव कोशिश कर भी ली जाये तो भी भावनाओ पे काबू में नहीं कर सकते।
पर अगर हर वक्त हम भावनाओ में बेहते रहेंगे तो जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा। इसलिये हर वक्त किसी की बात को दिल पे लेना और अपना मन ख़राब करना कोई समझदारी नही हैं।
जानती हूं कहना आसान है पर जिनसे हम प्यार करते हैं उनकी बातें ज्यादा चुभती है। पर यहीं तो हमें समझदारी दिखानी होगी की छोटी छोटी बातों को दरकिनार कर अपने मन को शांत रखा जाए। क्योंकि मन के हारे हार है मन के जीते जीत।