वैश्विक विकास पर नए सिरे से चिंता बढ़ने और केंद्रीय बैैंकों के कठोर रूख के कारण दुनियाभर के शेयर बाजारों में बिकवाली का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी दिखा। 30 शेयरों पर आधारित बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 872.28 अंक गिरकर 58,773.97 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 267.75 अंक की गिरावट के साथ 17,500 के स्तर से नीचे आकर 17,490.70 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में टाटा स्टील के शेयरों में सबसे ज्यादा 4.50 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा एशियन पेंट्स, विप्रो, सन फार्मा, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और बजाज फिनसर्व के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि अमेरिकी के केंद्रीय बैैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन की ओर से कठोर बयान देने से डालर में मजबूती के चलते वैश्विक बाजारों में कमजोरी रही। इसके अलावा चीन का प्रापर्टी बाजार लगातार संकट में बना हुआ है। इससे चीन को फिर नीतिगत दरों में कटौती करनी पड़ी है।
घरेलू शेयर बाजारों में लगातार बीते दो सत्रों में गिरावट से निवेशकों को 6.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इन दो दिनों में बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का पूंजीकरण घटकर 273.95 लाख करोड़ रुपये रह गया है।