
उत्तर प्रदेश के कानपुर के गोविंदनगर थाने में एक इंस्पेक्टर ने पीड़ित किशोरी को केस दर्ज करने के बदले में नाचने को कहा और उससे अभद्रता भी की। इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से की गई है। आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है और डीजीपी से छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही इस प्रकरण में की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है।
जानकारी के अनुसार मकान मालिक के भतीजे के विरुद्ध शिकायत करने गई किशोरी से गोविंदनगर थाने में एक इंस्पेक्टर ने पहले शिकायत दर्ज करने के बदले नाच दिखाने को कहा। जब उसने इंकार करते हुए विरोध किया तो उससे बदसुलूकी की गई। इस घटना के विरोध में पीड़ित परिवार ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की। इसके बाद आयोग ने पीडित परिवार की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में हुई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।
उधर सीओ गोविदनगर ने इंस्पेक्टर पर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि किशोरी की ओर से पुलिस पर एकतरफ कार्रवाई का दबाव बनाने के लिए एक वीडियो वायरल किया गया है।