आमतौर पर लोग वर-वधू की तलाश में शिक्षक या शिक्षिका को खास तरजीह देते हैं, लेकिन बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद ठीक इसका विपरीत मामला देखने को मिला है। एक परिवार ने लड़की के लिए विज्ञापन में विशेष रूप से उल्लेख किया है कि स्कूल शिक्षक को छोड़कर एक सुयोग्य वर चाहिए। परिवार वालों का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले के बाद वह काफी सतर्क हैं। अलबत्ता, कुछ लोग उनकी इस पहल को गलत भी करार दे रहे हैं।
राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले में सैकड़ों शिक्षकों को कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर बर्खास्त कर दिया गया है। हजारों शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। पूरे मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। इस घोटाले का आम लोगों पर भी असर पड़ा है। इसका ताजान उदाहरण उत्तर दिनाजपुर में देखने को मिला है। यहां एक परिवार ने लड़की के वर के लिए एक दैनिक समाचार पत्र में अनोखा विज्ञापन दिया है। इसमें लिखा गया है कि शिक्षक को छोड़कर सुयोग्य वर चाहिए।
कुछ दिन पहले अलीपुरदुआर में ऋण लेने गए प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक से बैंक अधिकारी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। जिले के दालखोला के एक अभिभावक रंजन दास ने कहा कि जिस तरह से हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार पर नकेल कसी है, उससे भ्रष्ट लोगों की नौकरी जाने का खतरा है। ऐसे में लड़की का परिवार उसके भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक को छोड़कर वर की तलाश में है। लेकिन, इस तरह से विज्ञापन नहीं देना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव गौरांग चौहान ने कहा कि लड़की के परिवार ने इस तरह के विज्ञापन देकर शिक्षक समुदाय का अपमान किया है।