बिहार के किशनगंज जिले की सीमा से सटे बंगाल के पांतापाड़ा गांव में टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वह बाइक लूट के एक आरोपी की तलाश में दबिश देने गए थे। घटनास्थल बंगाल के ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बंगाल पुलिस ने इस मामले में फिरोज आलम, अबुजार आलम और उनकी मां सहीनुर खातून को गिरफ्तार किया है।
किशनगंज टाउन थाना क्षेत्र के छगलिया में मुश्फिक आलम की बाइक लूट ली गई थी। मुश्फिक ने एक अपराधी जाकिर को पहचान लिया। पुलिस को छानबीन में पता चला कि जाकिर बंगाल स्थित अपनी ससुराल में है। बंगाल पुलिस को सूचना देकर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार और सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार के नेतृत्व में पुलिस पांतापाड़ा गांव पहुंची। छापेमारी टीम अपने साथ मुश्फिक को भी लेकर गई थी।
किशनगंज एसपी कुमार आशीष ने कहा कि छापेमारी से पूर्व बंगाल पुलिस को जानकारी दी गई थी। घटना के चश्मदीद मो. मुश्फिक आलम ने बताया कि ऐसा लगा कि मानो हमले की पहले से ही तैयारी थी। लाठी-डंडों व हथियारों से लैस सैकड़ों की भीड़ ने पुलिस को देखते ही हमला कर दिया। पुलिस को देखते ही घर वाले मारो-मारो का शोर मचाने लगे। शोर सुनते ही पलभर में सैकड़ों की भीड़ जुट गई। ग्रामीणों के हमला करने पर सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मी किसी तरह वहां से निकले, लेकिन भीड़ ने थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार को पकड़ लिया और पीटकर मार डाला। संदेश मिलने के बावजूद बंगाल पुलिस काफी देर से घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने वहां से थानाध्यक्ष का शव और उनके दो मोबाइल फोन बरामद किए। इस दौरान मुश्फिक ने इसी गांव के पास से अपनी बाइक भी बरामद कर ली।