राजस्थान के बीकानेर जिले में नौकरी के लिए पिता ने अपनी पांच महीने की बच्ची को इंदिरा गांधी नहर में फेंक दिया। संविदा पर मिली नौकरी में परेशानी से बचने के लिए उसने ऐसा किया। दरअसल, आरोपित पहले से ही तीन बच्चों का पिता है। उसने एक संतान अपने भाई को गोद दे रखी है। करीब पांच महीने पहले उसके चौथी संतान बच्ची हुई। राज्य में सरकारी नियमों के अनुसार दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता सरकारी नौकरी नहीं कर सकते। यह नियम करीब एक दशक पहले लागू हुआ था।
जानकारी के अनुसार बीकानेर जिले के दियातरा गांव निवासी झंवरलाल और उसकी पत्नी गीता ने रविवार शाम को बच्ची को नहर में फेंका था। सोमवार सुबह राहगीरों ने बच्ची का शव नहर के किनारे पर देखा तो पुलिस को सूचना दी। पड़ताल के बाद बच्ची झंवरलाल की पाई गई। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो झंवरलाल ने पत्नी के साथ मिलकर बच्ची की हत्या की बात स्वीकार की। पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने मौके की जांच की ।
पुलिस के अनुसार झंवरलाल कुछ दिन पूर्व संविदा पर सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी पर नियुक्त हुआ था। उसे उम्मीद थी कि वह शीघ्र स्थायी हो जाएगा। नौकरी की शर्त है कि दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए। नौकरी जाने के भय से झंवरलाल और उसकी पत्नी ने बच्ची की हत्या कर दी।