अग्निपथ योजना को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि इसे वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अग्निवीरों की भर्ती योजना अग्निपथ के माध्यम से ही अब सेना में भर्ती संभव होगी। सेना में भर्ती का कोई और दूसरा तरीका नहीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की लगातार दूसरे दिन तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कांफ्रेंस में अग्निपथ योजना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को स्पष्ट किया गया।
प्रतिरक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह कोई जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं है, बल्कि सेना की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव की शुरुआत तीन दशक पहले ही हो गई थी। इसके लिए कई कमेटियां गठित की गई थीं, जिनकी सिफारिशों के बाद अग्निपथ योजना को आगे बढ़ाया गया है। वही, हिंसक आंदोलन करने वालों को कड़ी चेतावनी देने के अंदाज में यह भी स्पष्ट किया कि सेना में अनुशासनहीनता के लिए कोई स्थान नहीं है। अनुशासन ही सेना की बुनियाद है, इसलिए हिंसा करने वालों के लिए सेना में कोई स्थान नहीं है। अभ्यर्थियों को भर्ती से पहले यह शपथपत्र देना होगा कि वह हिंसा में शामिल नहीं थे। इसका बाद में पुलिस सत्यापन भी कराया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि सेना को युवा बनाए रखने पर चर्चा की श्ाुरुआत वर्ष 1989 में ही हो गई थी। अरुण सिंह कमेटी और कारगिल रिव्यू कमेटी की सिफारिशों इसी दिशा में आईं। सेना में सुधार की यह योजना काफी समय से लंबित थी, जिसके लिए उचित समय का इंतजार था। कोविड काल के दो साल में सेना को इसकी लांचिग की तैयारियों के लिए पूरा समय मिला। गहन अध्ययन रिपोर्ट और गंभीर विचार-विमर्श के बाद यह अवसर मिला। इस दौरान दुनिया के दूसरे देशों की सेनाओं से भी सीखने और समझने का पूरा मौका मिला, जहां दो से चार साल के भीतर सेना से निकलने का मौका दिया जाता है। इसके लिए वहां सेना से सेवानिवृत्ति के तीन से चार तरीके अपनाए जाते हैं।
सेना को युवा बनाने की मुहिम को इस योजना से सफलता मिलेगी। सेना में भर्ती के लिए 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच के युवाओं को सेना में जवान बनने का मौका मिलेगा। युवा सिपाहियों के जोश और एनसीओ (नान-कमीशंड आफिसर) के होश से सेना के हौसले बुलंद होंगे। पुरी ने बताया कि सेना के तीनों अंगों में समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वालों की उम्र 35 से 38 वर्ष है। सेना की औसत उम्र वर्ष 1989 में जहां 30 वर्ष थी, वह फिलहाल 32 वर्ष है। सेना इसे घटाकर 26 वर्ष करना चाहती है। पिछले दो वर्षों के अध्ययन के बाद इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाली युवा पीढ़ी हमसे बहुत बेहतर है। टैंक का संचालन ड्रोन से होगा और उन्न्त टेक्नोलाजी से लड़ाई होगी। आज का बच्चा पैदा होते ही मोबाइल और कंप्यूटर से खेलता है। सेना की भर्ती प्रक्रिया इस सबको ध्यान में रखकर तैयार की गई है। 17.5 साल का युवा 10वीं पास होगा, जिनमें 70 प्रतिशत बच्चे गांवों के होंगे।
सेना में अब सभी तरह की भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत ही होंगी जो सेना में किसी भी स्तर से कमतर नहीं होंगे। उन्हें वे सारी सुविधाएं मुहैया होंगी जो सामान्य फौजियों को प्राप्त हैैं। कुछ मामलों में इन्हें ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। सेना में बलिदान देने वाले अग्निवीरों के स्वजन को एक करोड़ रुपये मुफ्त प्राप्त होंगे, जबकि सेना के सामान्य सैनिकों को इसके लिए बीमा प्रीमियम चुकाना पड़ता है। कई तरह के अतिरिक्त भत्ते भी इन्हें प्राप्त होंगे। सेना में भर्ती से लेकर सेवानिवृत्ति तक सैनिकों की उम्र 21 से 25 वर्ष होगी। इनमें से लगभग 70 प्रतिश्ात हाई स्कूल पास होंगे, जिन्हें सेवानिवृत्ति के साथ 12वीं का प्रमाणपत्र प्राप्त होगा। इसके बाद उन्हें ब्रिजिग कोर्स, आगे की पढ़ाई और अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस बल, सेना के दूसरे हिस्सों में रोजगार के अलावा कारपोरेट सेक्टर में उम्दा अवसर मिलेंगे।