वायु प्रदूषण के कारण बच्चों में एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिव डिसआर्डर) का खतरा बढ़ जाता है। जब प्रदूषण के छोटे कण वातावरण में उच्चस्तर तक पाए जाते हैैं तो बच्चे इससे संक्रमित होकर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाने और अत्यधिक सक्रिय होने की व्यवहार संबंधी रोगों से ग्रस्त हो जाते हैैं।
जर्नल एनवायरमेंट इंटरनेशनल में प्रकाशित शोध के मुताबिक हरे-भरे और कम प्रदूषित इलाकों में रहने वाले बच्चों में एडीएचडी का खतरा पचास फीसद तक कम हो जाता है। यह एक आम हो चुका न्यूरोडेवलेप्मेंटल डिसआर्डर है।
बार्सिलोना ग्लोबल हेल्थ की मटिल्डा वान डेन बाश के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने कनाडा के वानकूवर में 37 हजार बच्चों पर अध्ययन से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया। पांच से दस फीसद किश्ाोरों और युवाओं में हरियाली और प्रदूषित वायु कणों से अधिक सामना नहीं होने के चलते एडीएचडी की परेशानी बढ़ जाती हैै।