बीते करीब डेढ़ वर्ष से वैश्विक स्तर पर महंगाई की स्थिति बनी रही है। अभी भी कई देशों में महंगाई दर उच्च स्तर पर बनी हुई है। महंगाई पर काबू पाने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों कर्ज से जुड़े ब्याज की दरों में वृद्धि कर रहे हैं। भारत का आरबीआई भी इससे अछूता नहीं रहा है। आरबीआई ने बीते सप्ताह ही रेपो रेट में 25 आधार अंक की वृद्धि की है। इस वृद्धि के साथ आरबीआइ का रेपो रेट बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
मई 2022 से अब तक आरबीआई रेपो रेट में 250 आधार अंक या 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इससे कर्ज से जुड़ा ब्याज तो महंगा हो गया है लेकिन जमा पर मिलने वाला ब्याज निचले स्तर बना हुआ है। महंगाई लगातार आरबीआई के अधिकतम स्तर छह प्रतिशत के आसपास बनी हुई है। ऐसे में भविष्य को लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। वैश्विक और घरेलू स्तर की मौजूदा अनिश्चतता को देखते हुए अधिकांश विशेषज्ञ डायनामिक बांड फंडों में निवेश की सिफारिश कर रहे हैं। इसमें 10 प्रतिशत तक के रिटर्न की संभावना है। इनको आल सीजन बांड फंड भी कहा जाता है।
जानकारों का कहना है कि इस वर्ग में कई योजनाएं उपलब्ध हैं। इनमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल आल सीजन्स बांड फंड शीर्ष पर है। यह इस वर्ग में संपत्ति के मामले में सबसे बड़ी स्कीम भी है और इसका 10 वर्षों से अधिक का लगातार अच्छा ट्रैक-रिकार्ड रहा है। यह स्कीम उस अवधि को बढ़ाती है, जब ब्याज दर में वृद्धि से होने वाले लाभ में गिरावट की उम्मीद होती है। यह उस अवधि को कम कर देती है, जब ब्याज दर में वृद्धि होने की उम्मीद होती है ताकि बाजार नुकसान से जोखिम कम हो सके। इस स्कीम में एक इन हाउस माडल के आधार पर फैसला लिया जाता है जिसमें कई छोटे बड़े कारकों को ध्यान में रखा जाता है।
कारपोरेट बांड और सरकारी सिक्युरिटीज में होता है निवेश
विशेषज्ञों के अनुसार, जिन निवेशकों ने फंड में निवेश बनाए रखा है, उन्हें अलग-अलग समय में फंड से लाभ हुआ है। तीन, पांच और 10 वर्षों में यह फंड क्रमश: 7.1, 7.2 और 9.3 प्रतिशत रिटर्न देकर टाप परफार्मर रहा है। इस बांड के तहत कारपोरेट बांड और सरकारी सिक्युरिटीज (जी-सेक) में निवेश किया जाता है। इसका लाभ यह होता है कि जब ब्याज दरें अधिक होती हैं तो यह स्कीम लंबी अवधि की योजना की तरह व्यवहार करती है।
इसी तरह जब ब्याज दरें कम होंगी, तो यह एक संचय योजना की तरह व्यवहार करेगी। इस फंड ने विभिन्न् ब्याज दर के दौर में अवधि को अच्छी तरह से मैनेज किया है और कुछ विपरीत परिस्थितियों में भी एनएवी में बढ़ोतरी की है। ब्याज दर का चक्र बढ़ रहा हो या घट रहा हो, यह फंड बाजार की स्थिति के अनुरूप खुद को समायोजित कर सकता है। इस बांड में पोर्टफोलियो का स्ट्रक्चर माडल के परिण्ाामों के आधार पर बदल सकता है क्योंकि अर्थव्यवस्था अपना स्वरूप बदलती रहती है।
फ्लोटिंग रेट पर ज्यादा आवंटन
बढ़ती ब्याज दरों से लाभ पाने के साधन के रूप में इस योजना में फ्लोटिग रेट बांड के लिए 38.2 प्रतिशत का उच्च आवंटन है। फ्लोटिंग रेट बांड उस वर्ग के बांड होते हैं जो ब्याज दरों में किसी भी वृद्धि से लाभ पा रहे होते हैं, क्योंकि कूपन समय-समय पर रीसेट होते रहते हैं। यह निवेशकों के लिए अच्छे परिणाम में तब्दील होगा। बेहतर एक्रुअल्स से लाभ प्राप्त करने के लिए पोर्टफोलियो का 29 प्रतिशत हिस्सा एसेट के लिए आवंटित किया जाता है जो एए रैंकिग से ऊपर रेटेड हैं।
क्या होते हैं डायनामिक बांड फंड
डायनामिक बांड फंड एक प्रकार के डेट म्यूचुअल फंड होते हैं जो डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स दोनों में निवेश करते हैं। इसमें विभिन्न् अवधि की गवर्मेंट सिक्युरिटीज (जी-सेक) और कारपोरेट बांड शामिल हैं। डायनामिक बांड फंड में अवधि और परिपक्वता को लेकर कोई बाध्यता नहीं होती है। फंड मैनेजर ब्याज दर परिश्य के आधार पर विभिन्न् अवधि के लिए निवेश करते हैं। छोटी और मध्य अवधि के डेट फंड्स के मुकाबले डायनामिक डेट फंड में ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है लेकिन इसमें विभिन्न् ब्याज दर परिश्य के चलते ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।