दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका नियमित रूप से बयान जारी कर रहा है। इसे लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से एक पत्रकार ने पूछा कि अमेरिका केवल अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ही क्यों आवाज उठा रहा है, पाकिस्तान में विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी पर खामोशी क्यों है? असहज करने वाले सवाल के जवाब में मैथ्यू मिलर ने कहा कि दोनों मामलों को एक साथ देखना सही नहीं है। साथ ही कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान में सभी को एक समान कानून और मानवाधिकार के नजरिए से देखा जाए।
प्रवक्ता ने कहा, ‘मैं दोनों मामलों को एक साथ देखने से सहमत नहीं हूं। हमने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान में हर किसी के साथ कानून के शासन के हिसाब से व्यवहार किया जाए, मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए, जैसा कि दुनिया के किसी भी देश को लेकर हमारी स्थिति रही है।’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की थी। उन्हें कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं और माना जा रहा है कि 15 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत खत्म हो जाएगी। अमेरिका अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कई बयान जारी कर चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी की रिपोर्ट पर करीबी से नजर रख रहा है और एक निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का समर्थन करता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान के जवाब में विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत की कानूनी प्रक्रियाएं एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं जो समय पर फैसलों के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय न्यायपालिका पर सवाल उठाना अनुचित है।