जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों धर्मांतरण का मुद्दा काफी तूल पकड़ा हुआ है। धर्मांतरण के मसले पर छत्तीसगढ़ में सियासत भी गर्म है। इस बीच अब बस्तर में धर्मांतरण रोकने और यहां के आदिवासी युवक-युवतियों को जागरूक करने के लिए बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव ने भी अपनी कमर कस ली है। बस्तर के एक गांव में आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कमलचंद भंजदेव का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी अपना धर्म बदल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि, हमें अपनी जाति पर गर्व करना चाहिए। साथ ही अपने देवी-देवताओं पर भी गर्व होना चाहिए। क्योंकि हमारे बुजुर्गों को भी उन पर गर्व है। यही वजह है कि बुजुर्ग अपना धर्म परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह लक्ष्य रखना होगा कि उन्हें अपने देवी-देवताओं की, अपने गांवों की और अपनी धरती माता की सेवा करनी है। तब कहीं जा कर धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सकती है। राजा ने कहा कि, बस्तर में जब धर्मांतरण रुकेगा तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी। पुलिस जवान भी काफी खुश होंगे, क्योंकि जब धर्म पर लड़ाई होती है तो कानून व्यवस्था बिगड़ती है।
देवगुड़ी में होती है सबसे ज्यादा ताकत – भंजदेव
बस्तर में ग्रामीणों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र देवगुड़ी (देवी-देवताओं का मंदिर) होता है। राजा ने कहा कि हमें अपनी देवगुड़ियों का सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि देवगुड़ी में बहुत ताकत होती है। साथ ही धर्मांतरण करवाने वाले जो भी लोग गांवों में आते हैं उन्हें मना किया जाए। धर्मांतरण को रोकने के लिए सभी को जागरूक होना जरूरी है। कमलचंद भंजदेव ने आदिवासी समुदाय के लोगों से कहा है कि वे अपने बच्चों को अपनी संस्कृति की जानकारी दें। सरकार सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, मोबाइल व स्वास्थ्य सुविधाएं दे सकती है। लेकिन संस्कार नहीं दे सकती और न ही समाज को बढ़ावा दे सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दारू भी बंद नहीं करेगी क्योंकि उससे उन्हें पैसे मिलते हैं। युवा एक बोतल दारू पीता है, फिर अस्पताल जाकर उल्टी लटकती एक बोतल से दवा लेता है।