वाशिंगटन। नवजात शिशु के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार माना गया है लेकिन अब तकनीक ने इस हद तक प्रगति कर ली है कि ब्रेस्ट मिल्क अब प्रयोगशाला यानी कि साइंस लैब में तैयार किया जा सकेगा। इस दूध में ब्रेस्ट मिल्क की तरह ही पोषक तत्व भरे होंगे। इस सिलसिले में अमेरिका की महिला वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार प्रयोग किया है। इसके तहत अब मां के दूध की तरह की पौष्टिक दूध लैब में तैयार किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने इसे ‘बॉयोमिल्क कहा है. मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार वैज्ञानिकों ने बताया कि बॉयोमिल्क में मौजूद पोषक तत्वों की लैब टेस्टिंग भी की गई है। बॉयोमिल्क में मां के दूध की तरह ही पोषक तत्व, प्रोटीन, फैटी एसडि और अन्य वसा पर्याप्त मात्रा में रहे, ये कोशिशें की कई हैं। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि दूध में मौजूद पोषक तत्व ब्रेस्ट मिल्क से अधिक हैं।
इस वजह से आया आइडिया
लैला स्ट्रिकलैंड ने बताया कि बायोमिल्क बनाने का आइडिया उन्हें तब आया जब उनका बेबी समय से पहले ही पैदा हो गया था, तब तक उनके शरीर में ब्रेस्ट मिल्क बनना शुरू नहीं हुआ था। ऐसे में अपने बच्चे को फीडिंग कराने के लिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने इस बारे में कई कोशिशें किन लेकिन सारी कोशिशें बेकार गईं और नतीजा सिफर रहा। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने साल 2013 में प्रयोगशाला के अंदर मेमरी कोशिकाओं को पैदा करना शुरू किया। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने फूड विज्ञानी मिशेल इग्गेर को भी साथ लिया और इस प्रयोग को अंजाम दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि तीन सालों में यह दूध बाजार में उपलब्ध हो सकेगा।