प्रधानमंत्री ऩरेंद्र मोदी ने गत दिनों मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में समान नागरिक संहिता के मामले में मुसलमानों को बरगलाए जाने की बात कही तो देश में नई बहस छिड़ गई है। इस बीच मुस्लिम लॉ बोर्ड ने भी इस मंथन शुरू कर दिया है। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है।
आप का कहना है कि सभी की सहमति से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए। यूसीसी के मुद्दे पर सभी दलों से बात होनी चाहिए। वहीं, मुस्लिम लॉ बोर्ड ने फैसला किया है कि वो इस मामले में एक ड्रॉफ्ट तैयार करेगा और लॉ कमीशन से अध्यक्ष से मिलकर उन्हें वो सौंपेगा। मुस्लिम लॉ बोर्ड के इस ड्रॉफ्ट में शरीयत के जरूरी नियमों का जिक्र किया जाएगा, ताकि UCC से वो प्रभावित न हों।
समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून, चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का हो। आम आदमी पार्टी (आप) नेता संदीप पाठक ने कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करती है, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए।