रायपुर। एक महिला मरीज को कोविड-19 वायरस से संक्रमित बताकर उपचार के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने का मामला सामने आया है। देवेंद्रनगर स्थित हेरीटेज अस्पताल में पिरदा से पहुंचे एक परिवार ने आरोप लगाया है कि सुखबाई को तबीयत खराब होने पर अस्पताल प्रबंधन ने कोविड पॉजिटिव केस बताकर वार्ड में भर्ती करा लिया। कई दिनों तक कोविड संक्रमण के नाम पर लाखों रुपए वसूल कर लिए। लंबे उपचार के बाद बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया, डॉक्टरों ने मौत की वजह निमोनिया बताकर पल्ला झाड़ लिया। कोविड का भय जताकर मोटी रकम पहले ही वसूली कर ली। परिजनों ने बताया, मौत होने के बाद बुजुर्ग की डेड बॉडी का जब फिर से कोविड टेस्ट हुआ, रिपोर्ट निगेटिव निकली।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है, जब महिला को अस्पताल लाया गया था, तब लक्षण कोविड के थे। प्रारंभिक सैंपल लेकर जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि उपचार होने के दौरान निमोनिया की वजह से भी स्थिति गंभीर हो गई। मामला देवेंद्रनगर थाने भी पहुंचा है, जहां परिजन व अस्पताल प्रबंधन ने अपना पक्ष रखते हुए शिकायत दर्ज कराई है। टीआई राजेश देवदास ने बताया, दोनों पक्षों की ओर से आवेदन मिलने पर रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।
सामान्य बुखार पर लाए थे अस्पताल
मृतका का नाम सुखबाई ढीढी निवासी ग्राम पिरदा है। 55 वर्षीय सुखबाई को हल्का बुखार होने के बाद परिजन उसे अस्पताल लेकर आए थे। बेटे धर्मेंद्र कुमार ढीढी का कहना है, 7 अक्टूबर को अस्पताल लाने के बाद से ही डॉक्टरों ने कोविड पेशेंट कहकर उगाही शुरू कर दी थी। अस्पताल में उपचार के नाम पर ही 5 लाख रुपए वसूले। अलग से बाहरी दवा में डेढ़ लाख रुपए तक खर्च कराया। मरीज के ठीक होने के बजाय स्थिति खराब हो गई, तब मौत की वजह निमोनिया बता दिया। कोविड संक्रमण के लिए कभी भी रिपोर्ट नहीं दी। शव ले जाने से इनकार, जमकर हंगामा कोविड संक्रमण के दावे के बीच मृतका को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखने और जबरिया वसूली करने के आरोप में परिजनों ने शुक्रवार को हंगामा किया। गुरुवार की शाम डॉक्टरों ने सुखबाई को मृत घोषित कर दिया था।
परिजनों का आरोप है, मृत शरीर को आंबेडकर अस्पताल तक भेजने की बात कही। कोविड के नाम पर भर्ती और फिर उपचार का डाटा मांगने पर प्रबंधन ने टालमटोल की। परिजनों ने बिना रिपोर्ट के शव ले जाने से इनकार कर दिया। जिला प्रशासन के अफसरों ने भी कोविड रिपोर्ट की मांग की। बताया गया कि डेड बॉडी के कोविड टेस्ट कराने के बाद परिजन किसी तरह से राजी हुए।
प्रबंधन का दावा शुरू में लक्षण कोविड के
हेरिटेज अस्पताल प्रबंधन की ओर से डॉ. आरके पटेल का कहना है, मरीज को शुरूआती लक्षण कोविड का था। सैंपल टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव ही आई। इसकी जानकारी परिजनों को देकर उपचार शुरू किया गया। कई दिनों बाद कोविड का उपचार होने पर दोबारा से रिपोर्ट निगेटिव आई।