रायपुर। आज से 10 दिन तक भगवान गणेश की रौनक घरों के साथ-साथ पंडालों में भी देखने को मिलेगी। भगवान गणेश की स्थापना और सही पूजा विधि को कर आप भगवान की असीम कृपा आ सकते हैं। स्थापना के पहले इन कुछ खास बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
गणेश चतुर्थी की तिथि का आरंभ 30 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि का समापन 31 अगस्त, बुधवार को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 1 सितंबर को रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
गणेश मूर्ति स्थापना विधि-
सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें।
इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें।
भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
अब भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें।
मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें।
भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।
इन बातों का रखें खयाल, दक्षिण दिशा वर्जित
भगवान गणेश की मूर्ति को घर में कभी भी दक्षिण की ओर दिशा करके न स्थापित करें। भगवान को पूर्व या पश्चिम की ओर स्थापित करने की कोशिश करें। यहां तक कि आपका पूजा का कमरा भी दक्षिण की ओर दिशा में नहीं होना चाहिए।
भगवान गणेश को कभी भी उस दीवार पर स्थापित न करें जो टॉयलेट की दीवार से जुड़ी हुई हों।
आपके घर में जो उत्तरपूर्व कोना हों, उसमें भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना सबसे शुभ होता है। अगर आपके घर में इस दिशा का कोना न हों तो परेशान न हों, पूर्व या पश्चिम दिशा में ही स्थापित कर लें।
अगर आप ड्यूप्लेक्स या बंगले में रहते हैं तो कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति को स्थापित न करें, क्योंकि सारा दिन सीढ़ियों से ऊपर नीचे आते-जाते रहते हैं और धर्म के अनुसार, यह का अपमान है। वास्तु के हिसाब से ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।
चांदी के गणेश
कई परिवार घरों में चांदी के भगवान गणेश स्थापित करते हैं। अगर आपके भगवान गणेश चांदी के हैं, तो इसे उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थापित करें।