उज्जैन में कार्तिक माह में निकलने वाली राजाधिराज बाबा महाकालेश्वर की पहली सवारी धूमधाम से महाकाल मंदिर से अपने निर्धारित समय पर 4 बजे निकली। वर्ष में दो बार बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। एक बार सावन माह में और दूसरी बार कार्तिक माह में। दोनों ही सवारी परम्परागत रूप से निकली जाती है। जिस प्रकार सावन मास महादेव का माना जाता है, उसी प्रकार कार्तिक मास श्रीहरि विष्णु का मान जाता है।
महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि उज्जैन में जिस प्रकार सावन मास में महाकाल बाबा की सवारी निकाली जाती है, उसी प्रकार कार्तिक मास में भी हरि से हर के मिलन के लिए कार्तिक मास में भी चार सवारी निकली जाती है। इसमें दो कार्तिक मास की और दो अगहन मास की सवारी होती है और एक सवारी रात्रि 11 बजे हरी से हर मिलन की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से निकालकर गोपाल मंदिर पहुंचती है। जहां रात्रि 1:00 बजे तक हरीहर का मिलन में होता है। अभी कार्तिक मास की पहली सवारी निकली है, जो परंपरा अनुसार शिप्रा नदी पर आरती के बाद में अपनने निर्धारित से मार्ग होते हुए महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।