
उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारुल उलूम ने तीन तलाक पर बिना आईडी के किसी भी सवाल पर फतवा देने पर पाबंदी लगा दी है। तीन तलाक को 30 जुलाई 2019 को अवैध और असांविधानिक घोषित कर इसे दंडनीय अधिनियम बना दिया गया था। इसके बाद इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम में तीन तलाक पर हालांकि फतवों की संख्या न के बराबर हो गई। इसके बावजूद ऑनलाइन फतवा विभाग से तीन तलाक से संबंधित सवाल पूछे जाते रहे हैं। मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी का कहना है कि बिना आईडी के तीन तलाक पर सवाल पूछने वाले को कोई जवाब नहीं दिया जाता अब वास्तविक आईडी वाले व्यक्ति के सवाल पर ही वाजिब जवाब दिया जाता है। बता दें, कि दारुल उलूम में वर्ष 2005 में ऑनलाइन फतवा विभाग शुरू किया गया। जिससे देश-विदेश से बड़ी संख्या में मुफ्तियों से सवाल पूछे जाने लगे।