
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मुलाकात की। इस दौरान कैप्टन ने प्रधानमंत्री मोदी को तीन खेती कानूनों का जायज़ा लेकर तुरंत रद्द करने के लिए कहा, क्योंकि इन कानूनों के कारण पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में बड़े स्तर पर गुस्सा पाया जा रहा है। इसका फायदा भारत विरोधी ताकतें उठा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दो अलग -अलग पत्र भी सौंपे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संघर्ष का पंजाब और मुल्क के लिए सुरक्षा के लिहाज़ से बड़ा ख़तरा खड़ा होने की संभावना है, क्योंकि पाकिस्तान की शह प्राप्त भारत विरोधी ताकतें सरकार के प्रति किसानों की नाराजग़ी का नाजायज लाभ उठाने की ताक में हैं। इस मुद्दे का स्थायी हल खोजने के लिए भारत सरकार की तरफ से किसानों की जायज़ चिंताओं का जल्द हल किये जाने के लिए प्रधानमंत्री को दख़ल देने की अपील करते हुए कहा कि मौजूदा समय चल रहा किसान आंदोलन न सिर्फ़ पंजाब में आर्थिक सरगर्मियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसका सामाजिक ताने -बाने पर भी प्रभाव पडऩे की संभावना है।
उन्होंने कहा कि जब राजनैतिक पार्टियां और बाकी समूह अपने -अपने स्टैंड पर अड़े हैं। उन्होंने इससे पहले भी प्रधानमंत्री से पंजाब से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग करने के लिए समय देने की मांग की थी। उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल मुआवज़ा देने और डी.ए.पी. की कमी के अंदेशों का हल करने की भी माँग की क्योंकि खाद की कमी से किसानों की समस्याएँ और खेती कानूनों के कारण पैदा हुआ संकट गहरा हो सकता है।