नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में को-लोकेशन घोटाले की अपनी जांच का विस्तार करते हुए सीबीआई ने एक्सचेंज के पूर्व ग्रुप आपरेटिंग आफिसर (जीओओ) आनंद सुब्रमणियन को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें गुरुवार रात चेन्न्ई में हिरासत में लिया गया था। इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए थे कि एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण एक रहस्यमय ‘योगी” के निर्देश पर काम कर रही थीं।
अधिकारियों ने बताया कि आनंद से इस हफ्ते की शुरुआत में चेन्न्ई में कई दिन पूछताछ की गई थी, लेकिन इस दौरान वह अधिकारियों के सवालों का जवाब देने से बचते रहे, लिहाजा सीबीआइ ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने का फैसला किया। उन्हें दिल्ली लाकर विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें छह मार्च तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, एक आडिट रिपोर्ट में सुब्रमणियन को ही कथित तौर पर रहस्यमय ‘योगी” बताया गया था, लेकिन सेबी ने 11 फरवरी की अपनी अंतिम रिपोर्ट में इसे खारिज कर दिया था। रवि नारायण के बाद 2013 में सीईओ का पद संभालने वाली चित्रा रामकृष्ण ने ही सुब्रमणियन को अपना सलाहकार नियुक्त किया था और बाद में 4.21 करोड़ रुपये के मोटे वेतन पर जीओओ के पद पर प्रोन्न्त किया था। चित्रा ने सुब्रमणियन की विवादित नियुक्ति, प्रोन्न्ति और कई अहम फैसले उस अज्ञात व्यक्ति के कहने पर किए थे जिन्हें वह हिमालय में विचरण करना वाला निराकार रहस्यमय ‘योगी” बताती हैैं। सेबी के आदेश पर आडिट के दौरान चित्रा की ई-मेल जांच में यह तथ्य सामने आया था। चित्रा ने 2016 में एनएसई छोड़ दिया था।
सेबी ने 11 फरवरी को चित्रा और अन्य पर सुब्रमण्ाियन की मुख्य रणनीतिक सलाहकार, जीओओ और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में नियुक्ति में कथित प्रशासनिक चूक का आरोप लगाया था। सेबी ने चित्रा पर तीन करोड़ रुपये और एनएसई, सुब्रमणियन व रवि नारायण पर दो-दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा चीफ रेगुलेटरी आफिसर और कंप्लायंस आफिसर रहे वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआइ दिल्ली के स्टाक ब्रोकर संजय गुप्ता के खिलाफ 2018 से को-लोकेशन घोटाले की जांच कर रही है, लेकिन सेबी की रिपोर्ट में एनएसई के तत्कालीन शीर्ष अधिकारियों द्वारा अधिकारों का कथित दुरुपयोग सामने आने पर उसने अपनी जांंच का दायरा बढ़ा लिया। इसके बाद उसने घोटाले के सिलसिले में चित्रा, नारायण और सुब्रमणियन से पूछताछ की। सीबीआइ ने 2018 में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक एवं प्रमोटर संजय गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन पर स्टाक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम में जल्द एक्सेस करके लाभ कमाने का आरोप है। सीबीआइ मुंबई स्थित सेबी व एनएसई के अज्ञात अधिकारियों एवं अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी जांच कर रही थी।