
सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील गाँव किस्टाराम और गोलापल्ली के आश्रमों में समस्याओं का अंबार लगा है। कुछ दिनों पहले किस्टाराम के आश्रम में पढ़ रहे एक छात्र की मौत के बाद प्रदेश कांग्रेश महासचिव दुर्गेश राय किस्टाराम आश्रम का जायजा लेने पहुंचे। मौके पर उन्होंने देखा कि आश्रमों में समस्याओं का अंबार है। छत्तीसगढ़ से तेलंगाना होकर ही पहुंच मार्ग होने के चलते आमतौर पर अधिकारी ऐसे आश्रमों में नही पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में वहां काफी अव्यवस्था का आलम है। शिक्षा तो दूर की बात है बच्चों के रहने में भी काफी दिक्कत बनी हुई है।
आश्रम में बच्चों के रहने के स्थानों पर पानी का रिसाव हो रहा है तो कही इलेक्ट्रॉनिक वायर नीचे पडा है। वहीं, गोलापल्ली आश्रम में पढ़ाई के स्थान के बाजू में ही नाला बह रहा है। बच्चे मच्छर से परेशान हैं तो वही उनके रहने के स्थान पर छत से पानी टपक रहा है। बच्चे अपने सोने के स्थान पर ऊपर से गिरने वाले पानी से बचने के लिए पॉलीथिन बांध रखा है। कई बच्चों के सोने के लिए गद्दे की भी व्यवस्था नहीं है। इस प्रकार के समस्याओं के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आश्रमों में रहने को बच्चे मजबूर है। दुर्गेश राय ने जल्द बच्चों को हो रही इस प्रकार की समस्याओं को खत्म करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से मीडिया के माध्यम से निवेदन किया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे बच्चे को पढ़ाई की सुविधा देना चाहते हैं। वैसे ही इन आदिवासी बच्चों की भी फिक्र करें वरना ये बच्चे कैसे इस प्रकार के विचारधारा से आगे बढ़ पाएंगे।