केवाइसी ठीक कराने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने भंडाफोड़ किया है। ये ठक अब तक देशभर में 50 से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। गिरफ्तार आरोपियों में झारखंड के धनबाद जिले के संथालडीह निवासी मुकेश कुमार सिह, गिरिडीह निवासी दुलार कुमार मंडल, पिटू और धनबाद जिले के चेतलाल शामिल हैं। दुलार कुमार और पिटू दोनों भाई हैं। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में ठगी के 10 मामले सुलझाने का दावा किया है। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी लोगों के मोबाइल फोन एनी डेस्क साफ्टवेयर डाउनलोड करवा कर ठगी करते थे।
उत्तरी जिले के पुलिस उपायुक्त सागर सिह कलसी के मुताबिक, पीड़ित अरविद और उनकी पत्नी के खाते से 10 लाख रुपये की ठगी हुई थी। इस मामले की जांच के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया। जांच में पता चला कि आरोपितों ने पीड़ित को 13 जनवरी को केवाइसी कराने को लेकर लिक भेजा था। जब पीड़ित ने लिक को खोल कर उसमें डिटेल भर दिया तो उसके बाद उन्हें एनी डेस्क डाउनलोड करने के लिए फोन आया। वह ठग के झांसे में आ गए। ठगों ने पहले पीड़ित के खाते से चार लाख रुपये हड़पे। उसके बाद पैसे वापस करने के नाम पर उनकी पत्नी के खाते से भी करीब छह लाख रुपये हड़प लिए।
चार राज्यों से जुड़े हैं तार : मामले की जांच के क्रम में पता चला कि आरोपित राजस्थान के जयपुर से फोन कर रहे थे, जबकि ठगी के पैसे झारखंड, बंगाल और महाराष्ट्र स्थित बैंक खातों से निकाले गए थे। सबसे पहले पुलिस ने जयपुर से मुकेश्ा और पिटू को गिरफ्तार किया। पता चला कि दोनों आरोपित अभी हाल ही में झारखंड से जयपुर गए थे। दोनों से पूछताछ के बाद पुलिस टीम ने झारखंड से चेतलाल और दुलार को भी गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों ठगी की रकम बैंक से निकालते थे। जांच में पता चला कि आरोपित एक साथ कई फोन नंबरों पर केवाइसी कराने के लिए लिक भेजते थे। उसके बाद उनसे ठगी करते थे। जांच में पता चला है कि आरोपित ठगी की रकम से आलीशान जीवन जी रहे थे। अभी हाल में आरोपितों ने ठगी की रकम से कार खरीदी थी।