रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की विधायक इंदू बंजारे ने जांजगीर-चांपा जिले के आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उनका कहना था, उनके जिले में विभागीय अधिकारी बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते। आदिवासी विकास विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, आरोपों की जांच कराएंगे। जांजगीर-चांपा की पामगढ़ विधानसभा से बसपा विधायक इंदू बंजारे ने प्रश्नकाल में आदिवासी विकास विभाग के आश्रमों-छात्रावासों में संविदा पर तैनात रसोइयों के मानदेय को लेकर सवाल पूछा था। मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने लिखित उत्तर में उन्हें बताया, आश्रमों-छात्रावासों में संविदा पर कोई रसोइया नहीं रखा गया है। बसपा विधायक ने उनके जिले में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा दिया। उन्होंने कहा, उनके जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास पीसी लहरे और उनके बाबू हर काम का पैसा लेते हैं। उन्हीं लोगों का काम होता है, जिन्होंने रिश्वत दी हुई है। विधायक ने दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। बसपा विधायक के आरोपों के बाद भाजपा विधायक भी उनके समर्थन में आ गये। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, यह गंभीर मुद्दा है। एक विधायक, विधानसभा को भ्रष्टाचार की जानकारी दे रही है। भ्रष्ट अधिकारियों का नाम बता रही है। उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा ने क्षेत्रीय विधायक की मौजूदगी में जांच की मांग की। आदिवासी विकास और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बिना किसी लागलपेट के शिकायतों की जांच की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, विधायक के शिकायतों की जांच करा लेते हैं। बसपा की इंदू बंजारे पहली बार विधायक चुनी गई हैं।
–बेरोजगारों के मुद्दों पर होता रहा हंगामा
विधानसभा में विपक्ष ने सोमवार को बेरोजगारों और संविदा कर्मियों का मामला उठाया। इसके लिए बार-बार हंगामा होता रहा। प्रश्नकाल में भाजपा विधायकों ने विद्या मितान की तनख्वाह नहीं मिलने और शिक्षकों की नियुक्ति का मामला उठाया। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, विभाग में विद्या मितान की कहीं नियुक्ति नहीं है। आदिवासी क्षेत्रों में अतिथि शिक्षक जरूर नियुक्त किए गए थे, लेकिन स्कूल बंद होने की वजह से उनसे काम लेना संभव नहीं है। मंत्री ने नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की तिथि नहीं बताई तो विपक्ष आक्रामक हो गया। मंत्री पर संतोषजनक जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया।
–हंगामे की वजह से रोकनी पड़ी कार्यवाही
बाद में भाजपा विधायकों ने बेरोजगारों के मुद्दे पर काम रोककर चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा उपाध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। उसके बाद विपक्ष हंगामा करने लगा। जवाब देने के लिए कांग्रेस विधायक अपनी सीट से खड़े हो गए। इसकी वजह से सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए रोक दी गई।
–इस सत्र में तीसरी बार श्रद्धांजलि
विधानसभा में सोमवार को सबसे पहले दिवंगत पूर्व मंत्री झितरुराम बघेल को श्रद्धांजलि दी गई। उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित रही। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे बघेल का रविवार को निधन हो गया था। शीतकालीन सत्र में यह तीसरा मौका था, जिसमें सदन में किसी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी गई। 21 दिसम्बर को सत्र शुरू हुआ तो हीरासिंह मरकाम, पूरनलाल जांगड़े, लाल महेंद्र सिंह टेकाम और घनाराम साहू के निधन पर शोक जताया गया। 22 दिसम्बर को सदन में मध्य प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक जताया। उस दिन सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित रही।
**