भिलाई। संयुक्त ट्रेड यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र में 12 घंटे की हड़ताल प्रात: 4 बजे के पहले से शुरू कर दी गई। इसके तहत संयंत्र के पांच मुख्य प्रवेश द्वार पर अलग-अलग यूनियन पदाधिकारी डटे रहे। मेन गेट में सीटू, इस्पात श्रमिक मंच और एटक, बोरिया गेट में इंटक ,खुर्सीपार गेट में एचएमएस, मरोड़ा और जोरातराई गेट में हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक के सदस्य मोर्चा संभाल रहे हैं।
एक ओर जहां प्रबंधन द्वारा पुलिस एवं जिला प्रशासन की मदद से हड़ताल के प्रभाव को कम करने का पूरा इंतजाम कर लिया है। रातों रात मजदूरों को संयंत्र में बुला लिया गया। उनके खाने एवं स्वास्थ्य के लिए चाक चौबंद व्यवस्था कर ली गई है। वहीं दूसरी ओर भारतीय मजदूर संघ एवं बीडब्लूयू के हड़ताल से बाहर रहने के कारण एस हड़ताल का सफल होना संदिग्ध है और प्रबंधन इसे अपनी सफलता मान रहा है।
इस कठिन दौर में इतनी विपरीत परिस्थितियों में प्रबंधन के सामने कई चुनौतियां हैं। इस समय मजदूरों के असंतोष को जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए। कार्य का दबाव श्रमिकों के ऊपर सदा रहता है जो कि दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण होता है।
आज प्रबंधन को इस दबाव व असंतोष का कारण अवश्य खोजना चाहिए क्योंकि कल शाम को लगभग 500 से अधिक अधिकारियों ने भी अपनी मांगों के लिए कैंडल मार्च किया जो कि आने वाले समय के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र के भविष्य के लिए उचित नहीं जान पड़ता।