रायपुर-छत्तीसगढ़ की माटी में खुशबू में समाहित लोक कला एवं संस्कृति को आगे लाने के साथ राज्य सरकार छत्तीसगढ़िया खेलों को भी आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन पहली बार इसी मंशा से किया गया, जिसे भारी जनसमर्थन देखने को मिला। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 6 अक्टूबर को इसका शुभारंभ किया गया, जो अब अंतिम चरणों में है। 10 जनवरी को इसका समापन हो जाएगा। छह चरणों में आयोजित छत्तीसगढ़िया आलंपिक प्रतिस्पर्धा में लोगों का शामिल होने का जुनून देखते ही बनता है। इस ओलंपिक की खास बात यह रही कि महिलाओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इनमें ऐसी महिलाएं भी शामिल है, जो शादी के बाद ससुराल चली गई थी, उन्हें भी अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका इस ओलंपिक ने दिया है। ये महिलाएं विभिन्न स्तरों पर आयोजित प्रतियोगिताओं में अप्रत्याशित रूप से विजेता बनकर उभरीं।छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बच्चे और युवाओं के साथ खेल मैदान से नाता तोड़ चुके बुजुर्गों ने भी पूरे जोशो-खरोश के साथ भाग लिया और अपनी खेल प्रतिभा और खेल कौशल का प्रदर्शन कर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया। इस ओलंपिक में छह साल की बच्ची से लेकर 65 साल के बुजुर्ग भी शामिल हो रहे हैं। ये खिलाड़ी ग्रामीण स्तर से अपनी प्रतिभा को साबित करते हुए संभाग स्तर पर विजेता बनकर उभरे और अब राज्य स्तरीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखा रहे हैं।