
रायपुर, 24 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन डॉक्यूमेंट’ प्रस्तुत किया। इस विजन में 2047 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 75 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने 3T मॉडल – Technology, Transparency, Transformation – को राज्य के विकास का आधार बताते हुए कहा कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं अब तेज, पारदर्शी और तकनीक आधारित हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यह मॉडल न केवल छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाएगा, बल्कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में भी मदद करेगा।
बस्तर अब संघर्ष नहीं, विकास और संभावना का प्रतीक
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब सिर्फ संघर्ष का क्षेत्र नहीं, बल्कि संभावनाओं और नवाचारों का केंद्र बन चुका है। स्किल डेवलपमेंट सेंटरों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को आईटी, फूड प्रोसेसिंग, हेल्थकेयर और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
बस्तर में हो रहे निवेश और नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट तथा एआई डेटा सेंटर की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा।
2047 तक 75 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान 6 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था को 2047 तक 75 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसमें प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आईटी, पर्यटन समेत 13 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है और 10 विशिष्ट मिशन शुरू किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ बनेगा ऊर्जा और उद्योग का स्तंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ कोयला, स्टील, सीमेंट और बिजली जैसे संसाधनों के कारण देश की औद्योगिक रीढ़ बनता जा रहा है। स्टील उत्पादन क्षमता 45 मिलियन टन और बिजली उत्पादन को शीर्ष स्थान तक ले जाने की तैयारी है। लिथियम ब्लॉक की सफल नीलामी भी राज्य को ग्रीन एनर्जी हब बनाएगी।
प्रशासनिक नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
सरकार ने अब तक 350 से ज्यादा नीतिगत सुधार किए हैं। ज़मीन पंजीकरण अब घर बैठे सिर्फ 500 रुपये में संभव है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं।
नीति आयोग में रखे गए छत्तीसगढ़ रोडमैप के 8 प्रमुख बिंदु:
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ऊर्जा और उद्योग: राज्य की खनिज संपदा से औद्योगिक विकास को रफ्तार।
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खेती और जंगल: वनोपज आधारित आजीविका से ग्रामीण आत्मनिर्भरता।
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आदिवासी अधिकार: जमीन अधिकार की सरल प्रक्रिया से सामाजिक न्याय।
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HHH मॉडल: हॉस्पिटैलिटी, हाउसिंग, हैंडीक्राफ्ट से महिला कारीगरों को रोजगार।
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डिजिटल प्रशासन: 3T मॉडल से पारदर्शिता और सेवाओं की गति।
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नीतिगत नेतृत्व: न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की दिशा में 350+ सुधार।
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सड़क और हवाई कनेक्टिविटी: 11 साल में 21,380 करोड़ से सड़क निर्माण, हवाई संपर्क में विस्तार।
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रेल विस्तार: 2030 तक रेल नेटवर्क 2200 किमी तक विस्तारित होगा।