भाजपा द्वारा बजरंग दल को भगवान बजरंग बली बताने की कांग्रेस ने कड़ी निंदा किया है। वहीं भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ तुष्टीकरण की नीति के तहत बजरंग दल की तुलना पीएफआई के साथ करके हिंदू संगठन को बदनाम करने की साजिश रची है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बजरंग दल जैसे संगठन की बजरंग बली से तुलना करने के लिए भाजपा देश की जनता से माफी मांगे। यह हिन्दुओं और देश की जनता के भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। बजरंग बली न सिर्फ हिन्दुओं बल्कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिये श्रद्धा भक्ति और आदर का केंद्र है। उसकी तुलना किसी संगठन से किया जाना निंदनीय है।
शुक्ला ने कहा कि बजरंग दल आरएसएस और भाजपा की विचारधारा का पोषित संगठन है। यह संगठन सम्पूर्ण हिन्दू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और न ही यह संगठन बजरंग दल नाम होने मात्र से पवन पुत्र हनुमान जी हो जाता है। किसी भी संगठन को हिंदुओं के आराध्य से तुलना किया जाना गलत और अस्वीकार्य है। भाजपा को बजरंग दल पर प्रतिबंध से आपत्ति है तो बजरंग दल पर प्रतिबंध का राजनैतिक विरोध करें लेकिन उसका पैरोकार बनते-बनते उसकी तुलना भगवान से किया जायेगा तो इसकी आलोचना की जायेगी।
वहीं भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने कहा कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रवादी संगठन बजरंग दल और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई पर बैन करने की बात कही है। केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पीएफआई को पहले ही बैन कर दिया है। अब कर्नाटक में कांग्रेस ने सिर्फ तुष्टीकरण की नीति के तहत बजरंग दल की तुलना पीएफआई के साथ करके हिंदू संगठन को बदनाम करने की साजिश रची है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि बजरंगी होने का मतलब यह नहीं है कि आप कानून हाथ में ले लेंगे। यह बात उन्हें कांग्रेसियों को भी समझाना चाहिए, जिन्होंने जगदलपुर में थाने में घुसकर कल एक आईपीएस का कालर पकड़कर हाथापाई की। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। छत्तीसगढ़ में भूपेश की कांग्रेस सरकार में हर मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाती है। चाहे कवर्धा में भगवा के अपमान की बात हो, नारायणपुर में अवैध ईसाइयों द्वारा आदिवासियों पर हमले की बात हो या बिरनपुर में भुनेश्वर साहू की हत्या की बात हो। सिर्फ पीड़ित हिंदू पक्ष पर कार्रवाई होती है।
नारायणपुर में भाजपा अध्यक्ष रूप सिंह सलाम लगभग 3 महीने से जेल में बंद है। बिरनपुर में स्व.भुनेश्वर साहू के परिजनों ने 40 से ऊपर लोगों के नाम लिखित में दिए हैं परंतु कार्रवाई सिर्फ 11 लोगों पर हुई है। और दूसरी तरफ इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुन चुन कर पुलिस झूठे मामले में फंसा रही है। भूपेश बघेल का तुष्टीकरण का चेहरा जनता समझ चुकी है।