असम। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना यहां खूनी संघर्ष हो रहा है। वहीं एक बार फिर खूनी संघर्ष होने से छह पुलिस जवानों की मौत हो गई। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम पुलिस के जवानों की मौत पर जश्न मनाने का एक वीडियो शेयर किया है। 30 सेकेंड के इस वीडियो में मिजोरम पुलिस और वहां के लोग जश्न मनाते नजर आ रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मिजोरम मुद्दे पर असम सरकार का बयान भी ट्विटर पर शेयर किया है। बयान में असम सरकार ने कहा कि मौजूदा समझौतों और मौजूदा यथास्थिति के एक और उल्लंघन में मिजोरम ने असम में रेंगती बस्ती की ओर एक सड़क का निर्माण शुरू कर दिया और लैलापुर क्षेत्र में इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट को नष्ट कर दिया। इसके साथ ही, मिजोरम पक्ष ने उसी क्षेत्र में सीआरपीएफ के शिविर के बगल में एक पहाड़ी पर एक नया सशस्त्र शिविर भी स्थापित किया। स्थिति को फैलाने और मामलों को सुलझाने के प्रयास में एक आईजीपी, डीआईजी, डीसी कछार, एसपी कछार और डीएफओ कछार सहित असम के अधिकारियों की एक टीम आज सुबह मिजोरम पक्ष से यथास्थिति में खलल न डालने का अनुरोध करने के लिए क्षेत्र में गई। दुर्भाग्य से मिजोरम की ओर से बदमाशों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया, जिसे मिजोरम पुलिस का समर्थन प्राप्त था। मिजोरम की ओर से भीड़ का आक्रामक व्यवहार वीडियो फुटेज में साफ तौर से देखा जा सकता है, जहां वो हथियार दिखाने के साथ हेलमेट पहने हुए थे। भीड़ ने असम के अधिकारियों पर पथराव किया और डीसी की कार समेत तीन वाहनों को नष्ट कर दिया. मिजोरम पुलिस ने असम के प्रतिनिधिमंडल पर आंसू गैस के गोले दागे. दोपहर को एसपी कोलासिब ने दो अतिरिक्त एसपी स्तर के अधिकारियों के साथ असम प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की, इस दौरान उनसे अनुरोध किया गया कि वो भीड़ को नियंत्रित करें और उन्हें कानून अपने हाथ में न लेने दें, जिससे शांति भंग हो. मिजोरम के अधिकारी भीड़ से बात करने गए, लेकिन एसपी कोलासिब शाम करीब साढ़े चार बजे वापस लौटे और कहा कि भीड़ पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है।