दुर्ग जिला और निगम प्रशासन कोरोना नियंत्रण और टीकाकरण में व्यस्त रहा। इसका फायदा उठाकर 21 लोग अतिक्रमण करने में लगे रहे। कई वार्डो में लोग बिना अनुमति के धल्लड़े से भवन निर्माण कर रहे। निर्माण में भूस्वामियों ने किसी नियमों का पालन नहीं किया। जितने भी भवन बने उनमें न तो विधिपूर्वक अनुमति ली गई और ना ही पार्किंग के लिए स्थान छोड़ा गया। वार्ड नंबर 39 में लाइन से मुख्य सड़क सभी ने निर्माण ना तो Sat Back छोड़ा और ना ही पार्किंग के लिये जगह।
दुर्ग शहर में कई स्थानों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं। जिला व निगम प्रशासन की नाक के नीचे करोड़ों की शासकीय नजूल भूमि शीट क्रमांक 08 पर 21 लोगों ने लगभग 4100 वर्गफीट क्षेत्रफल पर कब्जा कर लिया। इन 21 लोगों ने सुनियोजित ढंग से लाकडाउन में धीरे-धीरे रात में निर्माण कराया, ताकि प्रशासन को इसकी भनक ना लगे। इस जगह पर अवैध रूप से बिजली कनेक्शन लेकर वेल्डिंग दुकान, किराना दुकान, सैलून, पेठा दुकान आदि संचालित हो रहे हैं। इन 21 लोगों ने शासन से विधि पूर्वक नियमों का पालन किए बिना शासकीय जमीन पर अवैध कब्जा करके बैठे हैं। लोगो से पैसों का लालच देकर उनसे जमीन हथिया लिया। शासन अगर इन 21 लोगों को नियमपूर्वक जमीन आबंटित करती तो लाखों रुपये राजस्व की प्राप्ति हो जाती ।
दुर्ग नगर निगम के पूर्व कमिश्नर 9 फरवरी को पत्र क्रमांक 606/भवन शाखा /डाटा सेंटर/2021 द्वारा दिनांक 9 फरवरी 2021 को दुर्ग SDM को शासकीय भूमि पर प्राप्त पट्टो को निरस्त करने पत्र लिखा था। मार्च में उनका स्थानांतरण हो गया। अब पूरा मामला दुर्ग कलेक्टर के पाले में है। लोगों को इस बात कर इंतजार है कि आखिर कलेक्टर इस पर क्या निर्णय लेते हैं।