कोरोना महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने कहा है कि 31 जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक देश में महामारी थमने लगी है और कुछ राज्यों में इसका प्रभाव घटने भी लगा है। लोकसभा में यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि सरकार देश में कोरोना की स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है। एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर के आखिर से मामले बढ़ने लगे थे, जिसकी मुख्य वजह ओमिक्रोन वैरिएंट था। उन्होंने कहा कि इस समय देश में ओमिक्रोन सबसे प्रभावी वैरिएंट बन गया है।
बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सतर्कता बढ़ाने और संक्रमण के प्रसार को रोकने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था। मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के नियमों के अनुपालन पर बल देने के साथ ही टीकाकरण्ा को तेज करने की भी सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि दो फरवरी तक देश की 95.5 प्रतिशत वयस्क आबादी (करीब 89.63 करोड़) को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण में किसी तरह का लिंग अंतर नहीं है। इस साल 31 जनवरी तक कुल वैक्सीन डोज में से 48.8 प्रतिशत महिलाओं को दी गई जो देश की जनसंख्या में महिलाओं की अनुमानित आबादी 48.5 प्रतिशत (2011 की जनगणना के अनुसार) से कुछ ज्यादा ही है।
कोवैक्सीन को 13 देशों में मंजूरी मिली : भारती पवार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक 31 जनवरी तक स्वदेश्ाी कोरोना रोधी टीका कोवैक्सीन को 13 देशों में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने किसी विदेशी कंपनी से भारत बायोटेक की तरफ से कोवैक्सीन की आपूर्ति में किसी तरह की परेशानी की शिकायत नहीं मिली है।
दोनों डोज के बाद वैक्सीन 99.3 प्रतिशत प्रभावी : स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि दो जनवरी तक इंडिया कोविड वैक्सीन ट्रैकर पर अपलोड किए गए आंकड़ों के मुताबिक दोनों डोज लेने वालों में वायरस के खिलाफ वैक्सीन को 99.3 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। वैक्सीन कोरोना महामारी से मौतों को रोकने में प्रभावी रही है।