भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सूरेय मिशन आदित्य एल1 मंजिल के करीब पहुंच गया है। अब इसे अपनी कक्षा में स्थापित किया जाएगा। करीब तीन महीने के सफर के बाद आदित्य एल1 की ऑर्बिट में एंट्री कराने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसका आखिरी पड़ाव बेहद जटिल है।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि “आदित्य-एल1 6 अपने एल1 प्वाइंट पर पहुंचने वाला है और हम इसे वहां बनाए रखने के लिए अंतिम युद्धाभ्यास करने जा रहे हैं।” अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान बिना किसी ग्रहण के सूर्य को देख सकेगा।
गौर हो कि मिशन मून की सफलता के करीब 10 दिन इसरो ने आदित्य एल1 को लॉन्च किया था। ये मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि सूरज के बेहद करीब किसी मिशन को भेजने में कुछ ही देश सफल हुए हैं। इसके लैग्रेंजियन प्वाइंट तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि यहां पर धरती और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे को अपनी ओर खींचता है।
इसरो प्रमुख ने कहा था कि ”जब यह एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा, हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा, ताकि यह आगे न बढ़े। यह उस प्वाइंट तक जाएगा और एक बार जब यह उस पर पहुंच जाएगा तो उसके चारों ओर घूमेगा और L1 पर रह जाएगा।”