दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल के भरोसेमंद साथी मनीष सिसोदिया ने भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार होने के बाद मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया के तीन पेज के इस्तीफे के साथ ही लगभग नौ माह से जेल में कैद मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी त्यागपत्र दे दिया। बता दें कि पिछले साल मई में ईडी द्वारा धनशोधन के एक मामले में जैन की गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही थी। वहीं, अगस्त 2022 में नई आबकारी नीति घोटाले में नाम आने के बाद सिसोदिया को भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें सीबीआई ने रविवार शाम को लगातार आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को सिसोदिया को पूछताछ के लिए पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया था। उधर, सिसोदिया को सीबीआइ हिरासत में भेजने के राउज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिली। आम आदमी पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने दोनों मंत्रियों के पहले से लिखे गए इस्तीफे स्वीकार कर लिए।
इसके बाद दिल्ली में मंत्रियों की संख्या अब पांच रह गई है। माना जा रहा है कि सिसोदिया के पास जो 18 विभाग थे, उन्हें दो मंत्रियों- परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद में बांटा जाएगा। इस बात की पूरी संभावना है कि वित्त विभाग गहलोत को सौंपा जाएगा, ताकि वे बजट पर काम कर समय से अगले वित्त वर्ष के लिए बजट पेश कर सकें। दिल्ली सरकार का कहना है कि जल्द ही सरकार में दो नए मंत्री शामिल किए जाएंगे।
भाजपा पर लगाया आरोप
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय और सौरभ भारद्वाज ने पत्रकार वार्ता में कहा कि दिल्ली के दोनों वरिष्ठ मंत्री सिसोदिया और जैन भाजपा की केंद्र सरकार के षड्यंत्रों के कारण जेल में हैं। मगर उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, ताकि सरकार का कामकाज प्रभावित न हो। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चार और पांच मार्च को केजरीवाल के कर्नाटक और छत्तीसगढ़ दौरे से पहले नए मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं।
पार्टी में केजरीवाल के बाद सिसोदिया ही थे सबसे कद्दावर
केजरीवाल के बाद सरकार में सिसोदिया ही सबसे कद्दावर नेता माने जाते थे। उनके पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में से 18 विभाग थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ी दिक्कत यही थी कि उनके काम कौन संभालेगा। सत्येंद्र जैन पहले से जेल में हैं। सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण और आबकारी जैसे सबसे अहम विभाग थे। जबकि जैन के तिहाड़ जाने के बाद उनके विभाग भी सिसोदिया ही संभाल रहे थे, जिनमें स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, सिचाई, बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन जैसे मंत्रालय प्रमुख थे। जैन को पिछले वर्ष मई में मनी लांड्रिग के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। फरवरी 2020 में मुख्यमंत्री केजरीवाल के अपने सभी विभाग छोड़ दिए थे, ये सभी विभाग भी सिसोदिया ही देख रहे थे। दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल सिसोदिया के सभी विभाग गहलोत और राजकुमार आनंद में बांट दिए जाएंगे।