राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को शुक्रवार को भी कोर्ट ने ज़मानत नहीं मिली। इससे तय हो गया कि वह जेल में ही दिवाली और छठ मनाएंगे। कोर्ट के इस रूख से राजद की उम्मीदों को भी झटका लगा है। पार्टी सुप्रीमो के जेल से बाहर निकलने पर पानी फिर गया है।
चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत के लिए उन्हें 27 नवंबर का इंतजार करना होगा। चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो को पहले ही तीन मामलों में जमानत मिल चुकी है। दुमका कोषागार मामले में जमानत मिल जाती तो वे जेल से छूट जाते। झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जवाब दाखिल करने के लिए सीबीआई ने अदालत से समय की मांग की। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। उनकी दिवाली और छठ इस बार भी जेल में ही बितेगी।
कोर्ट को सीबीआई की ओर से बताया गया कि लालू प्रसाद के दावों पर वह जवाब दाखिल करेगी। इसके लिए समय चाहिए। इस आग्रह को स्वीकार करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सीबीआई को 24 नंबर तक का समय दिया। कोर्ट ने सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित कर दी। यदि शुक्रवार को लालू प्रसाद को ज़मानत मिल जाती है तो इससे राजद की खुशी दोगुनी हो जायेगी। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और आखिरी दौर में शनिवार को 78 सीटों पर मतदान होना है। अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले लालू की जमानत मंजूर होने पर राजद खेमे को नई ऊर्जा मिल सकती थी, मगर सुनवाई टल जाने से राजद में मायूसी पसर गयी है।