देश में कोरोनाकाल के दौरान श्रीरामचरितमानस और गीता की ही मांग लगभग बीस प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है। अभी तक छह मशीनों से हो रही छपाई से पूरी आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। पाठकों को असुविधा न हो इसको ध्यान में रखते हुए गीताप्रेस प्रबंधन ने छपाई के लिए नई मशीनें लगाने जा रहा है।
प्रबंधन के अनुसार दो नई मशीनें लगाई जाएंगी, जिनमें एक फरीदाबाद के वल्लभगढ़ से 55 लाख रुपये में मंगाई गई है, जो आ चुकी है। दूसरी महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 1.40 करोड़ में। वह इस माह के अंत तक आ जाएगी। नई मशीनों के आने से पुरानी मशीनों की मरम्मत के लिए समय मिल जाएगा। पुस्तकों की छपाई में भी लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी और अनुपलब्ध चल रहीं पुस्तकों की भी छपाई हो सकेगी। अनुपलब्ध पुस्तकों में गीता, श्रीरामचरितमानस आदि के कई संस्करणों के अलावा लगभग 300 तरह की पुस्तकें शामिल हैं। छपाई के लिए प्रेस के पास छह मशीनें हैं। इनमें से एक 1992 की है, जो अपना समय पूरा चुकी है।
तीन माह में वर्षवार पुस्तकों की बिक्री (रुपये लाख में)
माह 2020 2021 2022
जनवरी 557.78 586.91 703.34
फरवरी 566.61 583.98 744.12
मार्च 326.00 618.25 870.73
वर्षवार अप्रैल से मार्च तक बिक्री का आंकड़ा (रुपये लाख में)
2019-20 में 5813.17
2020-21 में 5217.07
2021-22 में 7762.27