
रायपुर, 4 अगस्त 2024. उप मुख्यमंत्री एवं विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव आज रायपुर के नरदहा में आंजनेय विश्वविद्यालय द्वारा ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में शामिल हुए। समारोह को संबोधित करते हुए साव ने कहा कि देश में तीन नए कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर अमल, भारत सरकार का क्रांतिकारी निर्णय है। यह कदम त्वरित न्याय दिलाने और न्यायिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में अहम साबित होगा। लंबे समय से इन कानूनों में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही थी, पर किसी भी सरकार ने इसे बदलने का साहस नहीं दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2024 से नए कानूनों को लागू कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

उप मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों और प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। 2 अगस्त से शुरू हुए इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कानूनी विशेषज्ञों, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों और शोधार्थियों ने ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ पर विचार-विमर्श किया। साव ने इस सामयिक और प्रासंगिक विषय पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए आंजनेय विश्वविद्यालय को धन्यवाद और बधाई दी। उन्होंने कहा कि नागरिकों को जल्दी न्याय दिलाने, जांच और न्याय की प्रक्रिया में वैज्ञानिक तकनीकों, डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के प्रावधानों को शामिल करने के लिए तीन नए कानून बनाए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर पुराने औपनिवेशिक कानूनों को बदल दिया गया है। इन नए कानूनों का उद्देश्य नागरिकों को न्याय दिलाना है।
साव ने कहा कि नए कानूनों से आपराधिक मामलों की जांच और सुनवाई में तेजी आएगी। आधुनिक प्रावधानों के साथ साक्ष्य संग्रह और प्रस्तुतीकरण में सुधार होगा। यह नया अधिनियम डिजिटल साक्ष्य और तकनीकी उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। तीनों नए कानूनों को नागरिकों की वर्तमान जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप बनाया गया है, जिससे न्याय प्रणाली जनता के लिए अधिक प्रासंगिक और उपयोगी होगी। ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार लाएंगे और समाज में न्याय एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे। सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे साव ने विश्वविद्यालय परिसर में आंवला का पौधा भी लगाया।
आंजनेय विश्वविद्यालय के चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने कार्यक्रम में कहा कि समय के साथ प्रचलित कानूनों में बदलाव जरूरी है। भारत सरकार ने जनहित और न्यायिक व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी बनाने में परिवर्तन किया है। एक विश्वविद्यालय होने के नाते लोगों को जागरूक करना और बदलावों से अवगत कराना हमारा दायित्व है। स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता प्रदान कर हम आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा का अवसर दे रहे हैं। कार्यक्रम में प्रो-चांसलर सुमीत श्रीवास्तव, महानिदेशक बी.सी. जैन, आयोजन समिति के संयोजक राहुल चौधरी, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष राहुल तिवारी ने भी समापन समारोह को संबोधित किया। वाइस-चांसलर टी. रामाराव और तुषार चोपड़ा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। आयोजन समिति की सचिव रूपाली चौधरी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और शोधार्थी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।