कार्तिक अमावस्या को श्रेष्ठतम माना गया है, जब महालक्ष्मी की पूजा से सिद्धि होती है और भगवान राम अयोध्या लौटे। दीपावली पर सकारात्मकता के साथ लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने का शुभ समय है।
लक्ष्मी पूजा विधि:
- पूजा की शुरुआत प्रदोष वेला से हो, जब पिशाच वेला आरंभ होती है।
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लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र और साबुत अक्षत बिछाएं।
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लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को उत्तर दिशा में स्थापित करके पूजन करें।
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पूजन कक्ष को उत्तर दिशा में बनाएं, जो धन की दिशा मानी जाती है।
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मंत्रों के साथ दीपक जलाएं और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
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भोग में खीर, लड्डू, सूखे मेवे रखें और आरती करें।
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पूजन के बाद मुख्य दीपक को रात भर जलने दें और श्रीयंत्र की पूजा करें।
दिवाली शुभ मुहूर्त:
- अमावस्या तिथि: 12 नवंबर, 02:44 PM से 13 नवंबर, 02:56 PM तक।
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लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त: 12 नवंबर, 05:38 PM से 07:35 PM तक।
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निशिता काल मुहूर्त: 11:35 PM से 12:32 AM तक।
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प्रदोष काल: 05:29 PM से 08:08 PM तक।
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वृषभ काल: 05:39 PM से 07:35 PM तक।