उज्जैन,अशोक महावर। सावन भादौ-मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारियों के क्रम में सोमवार को तीसरी सवारी निकाली जा रही है। इसके साथ ही मंगलवार को नागपंचमी पर्व पर भी श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ उमड़ेगी।
नागपंचमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट सोमवार को रात 12 बजे बाद खुलेगें। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन होगा। प्रशासन द्वारा इस बार सामान्य श्रद्धालुओं को एक घंटे में दर्शन कराने के प्रयास किए जा रहे है। कारण है कि मंदिर में पहुंचने के लिए जो ब्रिज बना है उस ब्रिज से सहजता और शीघ्रता से दर्शन हो सकेंगे। नए ब्रिज को केंद्रीय भवन अनुसन्धान रुड़की और लोक निर्माण की और से एनओसी भी मिल चुकी है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा। वर्ष में केवल एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाला नागचंद्रेश्वर का दरबार सोमवार को रात 12 बजे बाद महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज और सहयोगियों द्वारा खोला जाएगा। पूजन के बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नए फुट ओवरब्रिज से होकर मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था इस बार रहेगी। प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि नए ब्रिज के माध्यम से सामान्य श्रद्धालुओं को भी सहजता और शीघ्रता से दर्शन कराने में सुविधा मिलेगी। जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे।
नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धी मंदिर चौराहा से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेगें। विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट बाहर होगें।
नागचंद्रेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धी मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस हरसिद्धी चौराहे तक पहुंच सकेंगे।
VVIP व्यवस्था
नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए ब्रिज से दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी हो सकती है। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक ले जाया जा सकता है। वापसी में भी सहजता होगी।
प्रशासन ने दावा किया है कि अधिक भीड़ होने के बाद भी सभी को सुगमता से दर्शन होंगे, लेकिन रविवार को जिस तरह की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ी, उसे देखकर ही प्रशासन की सांसें फूल गईं। हालांकि दर्शन में किसी को कोई बाधा नहीं हुई, लेकिन कर्कराज मंदिर और भील समाज की धर्मशाला तरफ सभी को प्रवेश देने के कारण अन्य रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। इससे चारधाम और बड़ा गणेश मंदिर तक आने वाले सभी रास्ते बंद हो गए।
इस पर महामंडलेश्वर शांतिस्वरूपानंद गिरि ने धरने पर बैठने की चेतावनी दे दी तो बड़ा गणेश मंदिर के ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास ने विधायक, मंत्री व सांसद तक को फोन घनघनाए, लेकिन बैरिकेड्स नहीं खुले। आखिर उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। इसके बाद कुछ अधिकारियों ने महामंडलेश्वर से विनती की कि हमें नागपंचमी पर्व निपटा लेने दो, आपकी हर बात हम मानेंगे, इस पर स्वामीजी मान गए और धरने स्थगित हो गया।
श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए रविवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु आसपास के जिलों एवं विभिन्न प्रदेशों से उज्जैन आए। भगवान महाकाल के दर्शन सभी को सुगमता से हो सकें इसके लिए प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। विभिन्न दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर पार्किंग की है। इंदौर-देवास की ओर से आने वालों लिए कर्कराज मंदिर के पास तथा बड़नगर व आगर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कार्तिक मेला ग्राउंड पर पार्किंग है। यहां से श्रद्धालु नृसिंह घाट तक आकर बैरिकेट्स के माध्यम से मंदिर तक पहुंच रहे हैं। कर्कराज मंदिर के पास एवं नृसिंह घाट के पास जूता स्टैंड है। पैदल मार्ग पर कारपेट बिछाया गया है। गर्मी से बचने के लिए छाया आदि की व्यवस्था है। दर्शन व्यवस्था का कलेक्टर आशीष सिंह, एसएसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ला, एडीएम संतोष टैगोर, जिला पंचायत सीइओ अंकिता धाकरे, प्रशासक गणेश धाकड़ कंट्रोल रूम से निरीक्षण कर रहे हैं।