मौके पर 3 प्रतिशत भी नहीं हुआ काम
कवर्धा। ग्राम पंचायत तारो में जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने कागजों पर ही 1.8 किलोमीटर लंबी नहर बना दी। मौके पर 3 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है और एसडीओ ने 88 लाख रुपए निकालकर गबन कर लिया। विभागीय जांच में मामले का खुलासा हुआ है। धांधली भी ऐसी कि मस्टररोल में अधिकांश मजदूरों के नाम फर्जी हाजिरी भरी गई है। बोड़ला जनपद के ग्राम पंचायत तारो में जलाशय स्थित है, जिसे सिंग बांधा के नाम से भी जानते हैं। तारो जलाशय में 1.8 किमी (1800 मीटर) लंबी नहर लाइनिंग बनाने के लिए वर्ष 2015- 16 में दो बार में क्रमश: 47.39 लाख और 41.34 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के जरिए यह काम कराया तय हुआ था, लेकिन जल संसाधन विभाग के उपसंभाग क्रमांक- 1 कवर्धा के एसडीओ आरआर नेताम ने फर्जीवाड़ा करते हुए कार्यों में अनियमितता बरती। 1.8 किमी लंबी नहर की जगह लगभग 48 मीटर यानी कुछ स्वीकृति का सिर्फ 3 फीसदी काम कराया। जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरआर नेताम मामले में अनभिज्ञता जताते हुए कहते हैं विश्वास में आदमी धोखा खाता है। मनरेगा के जरिए नहर लाइनिंग कार्य के लिए मस्टररोल में मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरी गई है। नहर की तस्वीरें देखने से फर्जीवाड़े को आसानी से समझा जा सकता है। जो नहर 1.8 किली लंबी बननी थी, वह सिर्फ 48 मीटर ही बन पाई। काम पूरा ही नहीं हुआ और मस्टररोल में लगभग 1 महीने तक मजदूरों को काम करना बताकर मजदूरी के पैसे निकाल लिए गए। तब मजदूरी भुगतान खाते व कैश दोनों माध्यम से होता था।
जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरआर नेताम जांच में फंसे
मामले की लिखित शिकायत जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के से की गई थी। इस पर सीईओ ने 30 मार्च 2021 को जल संसाधन विभाग के ईई दिनेश भगौरिया को विभागीय जांच कराने निर्देश दिए थे। जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर सत्यापन किया, जिसमें काम न होना पाया और इस तरह अनियमितता उजागर हुई। तारो जलाशय नहर लाइनिंग में वित्तीय अनियमितता हुई है। मामले में जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरआर नेताम जांच में फंस चुके हैं। जल संसाधन विभाग के पूर्व ईई सतीष कुमार टीकम, जो अब बालोद में हैं, उनकी भूमिका पर संदेह के दायरे में है। क्योंकि उन्हीं के समय यह कार्य स्वीकृत हुआ था। वहीं जिस सब इंजीनियर की निगरानी में यह काम होना था, उस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, अब वे रिटायर हो चुके हैं।