मुजफ्फरनगर के सिसौली के ग्रामीणों ने भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर तालाब और सरकारी भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि टिकैत बंधुओं ने सिसौली में कब्जे की जमीन बेचकर निर्माण करा दिया है। यूनियन का कार्यालय भी तालाब की कब्जाई हुई भूमि पर बना रखा है। हालांकि नरेश टिकैत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। प्रशासन ने भी ऐसी शिकायत पर अनभिज्ञता जताई है।
सिसौली के ग्रामीण राहुल मुखिया, देवेंद्र बालियान, कपिल बालियान, सुभाष बालियान और रविद्र उर्फ प्रदीप ने मेरठ रोड स्थित एक रेस्तरां में पत्रकार वार्ता में बताया कि सिसौली में करीब 13 तालाबों पर कब्जा कर आवासीय भवन बना दिए गए हैं। उन्होंने चौ. नरेश टिकैत और चौ. राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए बताया कि 1961 के बाद दोनों भाइयों ने गांव में चकबंदी नहीं होने दी है, क्योंकि उन्होंने कब्जे की जमीन पर ही अपना कार्यालय और घेर बना रखा है। यहां पहले तालाब हुआ करता था। टिकैत भाइयों पर आरोप है कि 12 बीघे के एक तालाब पर उन्होंने अपने लोगों को फर्जी कागज बनवाकर बेच दिया और निर्माण करा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि डीएम, एसडीएम समेत प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत की गई। गांव में कार्रवाई के लिए एडीएम स्तर के अधिकारी पहुंचते हैं तो उन्हें अपनी धमक दिखाकर भगा दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि कब्जे के तालाब और भूमि जिला प्रशासन मुक्त नहीं कराता है तो वह इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक जाएंगे।