पखांजुर में सैकड़ों किसानों ने बड़गाँव लेम्सप में जमकर हंगमा मचाया। किसानों का आरोप है कि लैम्पस के माध्यम से मिलने वाला डीएपी खाद घटिया और स्तरहीन है। ऐसे में घटिया डीएपी खेतों में डालने से किसान आबाद होने के बजाय बर्बाद हो जाएंगे। किसानों को कम कीमत में और ऋण में देने के नाम और घटिया खाद-उर्वरक उपलब्ध करवाने का यह धंधा बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
पिछले तीन वर्षों से किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में अचानक लैम्पस के माध्यम से डीएपी मुहैया कराने पर किसान भरपूर मात्रा में लेकर चले गए, क्योंकि निकट भविष्य में मिलेगा या नहीं, इसकी कोई संभावना नहीं थी। मजबूरन किसानों को डीएपी ले जाना पड़ा। जो किसान डीएपी ले गए और उन्होंने इसकी जांच की पता चला कि घटिया क्वालिटी का डीएपी किसानों को बेचकर ठगा जा रहा है। यह पानी मे अघुलनशील है। ऐसा प्रतीत हो रहा मानो रेत के ऊपर चुना का पालिस लगाया हो। पानी में डालने पर ऊपर का चूना पालिस घुल जा रहा और रेत बच जा रहा है। घटिया डीएपी खरीदकर सैकड़ों किसान बर्बाद हो जाएंगे और लेम्प्स के कर्ज तले दब जाएंगे। ऐसे में किसानों ने डीएपी लेने से साफ इंकार कर दिया हैऔर इसकी शिकायत ऊपर करने की बात कही है।
दूसरी ओर विधायक अनूप नाग ने कहा कि किसानों को घटिया और स्तरहीन खाद मुहैया कराकर सरकार को बदनाम करने की कोशिश केंद्र सरकार कर रही है। कांग्रेस की सरकार किसान हितैसी है और किसान के जनकल्याण के लिए काम कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना के नाम से डीएपी किसानों को वितरण किया जा रहा है। किसानों से जानकारी मिल रही है कि डीएपी घटिया है।मामले की जांच करवाने डीएमओ को निर्देशित करने और वैधानिक कार्रवाही करने का आश्वासन दिया है।