सरकार भले ही किसानों के लिए लाख जतन कर रही है, लेकिन अधिकारी सरकार के जतन पर पानी फेर रहे हैं। ऐसे ही अधिकारियों के कारण जांजगीर नैला के ग्राम पंचायत कन्हाईबंद और नैला के किसान खासे परेशान हैं, क्योंकि नैला में संचालित कोल डिपो के कारण फसलें बर्बाद हो रही है। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
किसानों ने आरोप लगाया कि यहां संचालित होने वाले कोल डिपो से कोयला डस्ट किसानों के खेतों में आने से फसल बर्बाद हो रही है। किसानों की उपज भी अब आधी हो गई है। प्रदूषण के कारण धान और उससे निकलने वाले चावल भी काले हो रहे हैं। जिसे सरकार अमानक मानकर खरीद नहीं रही है। कोई व्यापारी भी धान और चावल नहीं खरीद रहे हैं। वहीं किसान भी प्रदूषित चावल को खाकर बीमार हो रहे हैं।
किसानों ने बताया कि वे प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार गुहार लगा चुके हैं, पर अधिकारी महज खानापूर्ति की कार्रवाई करते हैं, जबकि यहां संचालित होने वाला कोल डिपो नियम विरुद्ध है। बिना बाउंड्री वॉल के ही कोल डिपो को संचालन किया जा रहा है। कोयले में आग लगने के कारण कई हरे भरे पेड़ जल गए हैं। धूल के गुबार से आसपास रहने वाले लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहा है।