
मुंबई की सत्र अदालत ने फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ‘चेक बाउंस’ मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की याचिका खारिज करते हुए अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत ने 21 जनवरी को वर्मा को परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। उन्हें तीन महीने की सजा और शिकायतकर्ता को 3,72,219 रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया गया था। इसके बाद वर्मा ने सत्र न्यायालय में सजा निलंबन की अपील की, लेकिन 4 मार्च को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए ए कुलकर्णी ने इसे ठुकरा दिया। चूंकि वर्मा अदालत में हाजिर नहीं हुए, उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ। मामले को 28 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया है।
शिकायत 2018 में एक कंपनी ने दर्ज की थी, जिसके वकील राजेश कुमार पटेल ने बताया कि उनकी कंपनी हार्ड डिस्क सप्लाई करती है। फरवरी-मार्च 2018 में वर्मा के अनुरोध पर 2,38,220 रुपये की हार्ड डिस्क दी गई थी। वर्मा द्वारा जारी दो चेक- एक अपर्याप्त धन और दूसरा भुगतान रोकने के कारण- बाउंस हो गए। शिकायतकर्ता को कानूनी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।