मध्य प्रदेश के झांसी के सीपरी बाजार स्थित फायर ब्रिगेड स्टेशन के द्वार पर पटाखा समेत कई प्रकार की त्यौहारी दुकानें सज गई हैं। ऐसे में अग्निशमन विभाग की सतर्कता पर बड़ा सवाल है। आतिशबाजी के लिए शुमार दीपावली के त्योहार पर यदि कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित होती है तो उससे अग्निशमन विभाग कैसे निपटेगा? जब द्वार ही बंद हो जाएगा तो गाड़ियां कैसे निकलेंगी।
फायर ब्रिगेड के इस स्टेशन पर दो द्वार हैं। इसके एक द्वार से गाड़ियां मौके पर पहुंचती है और दूसरे द्वारा से रिफिल होने के लिए प्रवेश करते हैं। ऐसे में फायर स्टेशन के द्वार के बंद होने से फायर विभाग के आला अधिकारियों की उदासीनता साफ नजर आती है, जबकि कुछ समय पहले इसी सीपरी बाजार में इतनी भीषण आग लगी थी कि उसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। अग्निकांड वाले स्थान से फायर स्टेशन चंद कदमों की दूरी है इसके बावजूद भी अग्निशमन सहायता पहुंचाने में लगभग 1 घंटा लग गया था और अब फिर अग्निशमन विभाग का रवैया सवालों के तूफानों को उफनाने पर मजबूर कर रहा है।