
पंजाब में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। जैसे-जैसे तबाही के निशान सामने आ रहे हैं लोगों के जख्म भी उभरने लगे हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें सब कुछ दोबारा खड़ा करना होगा। फसल, घर व कारोबार सब बर्बाद हो चुका है। अब उन्हें सरकार से मदद की दरकार है।हुसैनीवाला बॉर्डर के ग्रामीणों को सतलुज दरिया में आई बाढ़ गहरे जख्म दे गई है। धान की फसल पानी में डूबने के चलते पूरी तरह खराब हो गई है। गांवों की सड़कें टूट गई हैं। पानी के बहाव में कई मकान गिर चुके हैं। घरों के अंदर कीचड़ भर गया है। लोग मकानों की छतों पर तिरपालें लगाकर रहने को मजबूर हैं।
दो गांवों की डेढ़ साै एकड़ जमीन सतलुज में समाई
गांव टेंडी वाला और कालू वाला में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। ये दो गांव ऐसे हैं जिसे सरकार या फिर कोई अभिनेता-उद्योगपति गोद ले। दोनों गांवों की लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन सतलुज दरिया में समा गई है। पाकिस्तान से भारत में आने वाले दरिया का आकार बहुत बड़ा हो गया है। उक्त गांव के कई घर दरिया में समा गए हैं। अब भी टेंडी वाला और कालू वाला की तरफ दरिया की मरम्मत नहीं कराई गई तो आने वाले समय में इनका नाम ही रह जाएगा। ये दोनों गांव दरिया में समा जाएंगे।