छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड आ गया है। राज्य सरकार के ढाई साल बीत जाने के बाद रोज-रोज नई बयानबाजियां सामने आ रही हैं। रोज ही राजनीतिक दलों के दिग्गज कुछ ऐसा कह जाते हैं, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता है। यह बयानबाजी लोगों के लिए चटकारे लेने का विषय बन जाती है। साल 2003 में घर वापसी अभियान चलाने वाले भाजपा के कद्दावर नेता दिलीप सिंह जूदेव ने अजित जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को हराने के लिए अपनी मुछें दांव पर लगा दी थी।
प्रदेश के चुनाव को अभी ढाई साल बाकी हैं, लेकिन सत्ता की कुंजी कहलाने वाले बस्तर में भाजपा के पूर्व सांसद ने अपने कान दांव पर लगा दिए हैं। साल 2003 में जब छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की सरकार थी, उस समय भाजपा ने इस बात का खूब प्रचार किया था कि जोगी एक राजनेता से ज्यादा नौकरशाह हैं। तब भाजपा के कद्दावर नेता और उस समय मुख्यमंत्री की रेस में शामिल रहे जूदेव ने यह कहते हुए अपनी मूछें दांव पर लगा दी थी कि अगर भाजपा सरकार नहीं बना पाई तो वे मूछें उड़वा देंगे।
वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन है। भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने है। चेहरे भले बदल गए हों, लेकिन राजनीति के दंगल में दांव लगाने का सिलसिला जारी है। बस्तर में भाजपा के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप बीते बुधवार को भाजपा की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। यहां बैठक बाद कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि साल 2023 में अगर भाजपा की सरकार नहीं बनी तो अपना कान कटवा लेंगे। सांसद रहते हुए बयानों से बचने वाले पूर्व सांसद के बयान से राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है। बस्तर से कांग्रेस के सांसद दीपक बैज ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मूछों से कान तक के दांव पर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने आ गए है। सांसद दीपक बैज ने कहा कि कान किसके कटने वाले हैं। इसके लिए पूर्व सांसद को थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए, क्योंकि कान कटवाने की गिनती में कई लोग हैं।